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12 Nov 2024 · 1 min read

सुख-दुख का साथी

सुख दुख का साथी
हम किसे मानते हैं,
कभी मां बाप भाई बहन
परिवार, रिश्तेदार को
अपना साथी समझते हैं
या अपने जीवन साथी
या फिर अपने बच्चों को
कभी कभी मित्रों शुभचिंतकों को।
मगर ये सब भ्रम है
या दिवास्वप्न जैसा है
जिस पर विश्वास अपवाद में ही
सफल हो पाता है।
सुख दुख का सबसे अच्छा साथी
हम आप खुद और हमारा विश्वास है
यदि खुद पर विश्वास है हमें
तो यही विश्वास हमारा साथी है,
अपने विश्वास से बड़ा साथी
न कोई है, न हो सकता है
इसलिए खुद पर विश्वास कीजिए
सुख और दुःख दोनों में ही
अपने विश्वास को
विश्वसनीय साथी मानिए।

सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
52 Views

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