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28 May 2024 · 1 min read

ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,

ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,
ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?
ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में,
ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?

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