Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2024 · 1 min read

“रंग”

रंग वो नहीं
जो तय उम्र के बाद
उड़ जाते हैं,
दूसरे रंग चढ़ जाने से
असमय मर जाते हैं।

रंग सनद है
कुछ होने का,
या फिर
कुछ नहीं होने का।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

अहमियत हमसे
अहमियत हमसे
Dr fauzia Naseem shad
" फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
* कुछ नहीं मिलता दिल लगाने से*
* कुछ नहीं मिलता दिल लगाने से*
Vaishaligoel
मिट्टी के दीए
मिट्टी के दीए
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नास्तिक सदा ही रहना…
नास्तिक सदा ही रहना…
मनोज कर्ण
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
कहानी
कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मन का गीत
मन का गीत
Arvind trivedi
प्यारे पापा
प्यारे पापा
अरशद रसूल बदायूंनी
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
घनाक्षरी
घनाक्षरी
seema sharma
तुम भी जनता मैं भी जनता
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
..
..
*प्रणय प्रभात*
अच्छा नहीं लगता  मुझको भीड़ में चलना,
अच्छा नहीं लगता मुझको भीड़ में चलना,
Brandavan Bairagi
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
पूर्वार्थ
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बेवफाई से मिली तन्हाई
बेवफाई से मिली तन्हाई
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यारा हिन्दुस्तान
प्यारा हिन्दुस्तान
Dinesh Kumar Gangwar
बदली बदली सी फिज़ा रुख है,
बदली बदली सी फिज़ा रुख है,
goutam shaw
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़.
क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़.
RAMESH SHARMA
हिन्दुस्तानी हे हम
हिन्दुस्तानी हे हम
Swami Ganganiya
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
दीपक बवेजा सरल
तोड़ा है तुमने मुझे
तोड़ा है तुमने मुझे
Madhuyanka Raj
दर्द इस क़दर मिले
दर्द इस क़दर मिले
हिमांशु Kulshrestha
आज कल के युवा जितने सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं यदि उतने ही अप
आज कल के युवा जितने सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं यदि उतने ही अप
Rj Anand Prajapati
वीरांगनाएँ
वीरांगनाएँ
Dr.Pratibha Prakash
Loading...