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2 Sep 2024 · 1 min read

वीरांगनाएँ

सर्वस्व लुटाया जिन महिलाओ ने
भुला दिया क्यों उनको गाथाओं में

दुधमुंहे बच्चो की वो मातायें
जली अग्नि में जीवित ये चिताएं

आओ उनको भी नमन करें हम
उनके नामो को कहीं लिखें हम

शब्दों की एक माल सजाएँ
आज उनको सम्मान दिलाएं

मंगल सूत्र भी बेचे हैं कितनो ने
वस्त्र आभूषण दिए कितनो ने

कितनो ने स्वयं बाजार बनाये
वैश्या के इलजाम लगवाये

दिया धन – शस्त्र क्रांति को
उनका हम जयकारा लगायें

एक दिन वन्दे मातरम कहकर
उनको चरणों में शीश झुकाएं

विजय स्तम्भ निर्मित करवायें
उनके नाम भी अंकित करवाएं

मिली स्वतंत्रता कैसे हमको
भावी पीढ़ी को आज बताएं

भरे आँख तो भर जाने दो
गिरे अश्रु तो गिर जाने दो

आक्रोश अगर आ जाए तब भी
सुन रक्त उबल जाए तन तब भी

आओ एक हुंकार लगायें
जय भारती कह के बुलाएं

सोई जनता को आज जगाएं
श्रद्धासुमन अर्पित कर पायें

Language: Hindi
72 Views
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