Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2023 · 1 min read

*दादी बाबा पोता पोती, मिलकर घर कहलाता है (हिंदी गजल)*

दादी बाबा पोता पोती, मिलकर घर कहलाता है (हिंदी गजल)
_________________________
1)
दादी बाबा पोता पोती, मिलकर घर कहलाता है
जहॉं तीन पीढ़ी हर्षातीं, वहॉं स्वर्ग बन जाता है
2)
हमने सीखा है यही सदा, दांपत्य-बोध अति पावन
पति-पत्नी का आजीवन क्या, सात जन्म का नाता है
3)
धन के बल पर कभी उच्चता, नहीं व्यक्ति में आएगी
उज्ज्वल चरित्र का स्वामी ही, उच्च ध्वजा फहराता है
4)
पत्नी-पति का साथ जरूरी, जीवन के सब क्षेत्रों में
यज्ञ-तीर्थयात्रा पति-पत्नी, संग पूर्णता पाता है
5)
सबसे अच्छा समय वही है, किसी युवक का यह जानो
वृद्ध पिता-माता के पद में, जो वह सहज बिताता है
6)
बचकर रहो बुरी आदत से, बुरे संग से यह आती
एक दोष भी यदि पनपा तो, सौ सत्कर्म हराता है
—————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

585 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*किसान*
*किसान*
Dr. Priya Gupta
12. *नारी- स्थिति*
12. *नारी- स्थिति*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कौन नहीं बदला _
कौन नहीं बदला _
Rajesh vyas
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुनिया देखती है रंग
दुनिया देखती है रंग
पूर्वार्थ
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
पियूष राज 'पारस'
इस कदर मजबूर था वह आदमी...
इस कदर मजबूर था वह आदमी...
Sunil Suman
पत्नी होना भी आसान नहीं,
पत्नी होना भी आसान नहीं,
लक्ष्मी सिंह
क्या करे ये गय्या मय्या!
क्या करे ये गय्या मय्या!
Jai krishan Uniyal
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
नौकरी गुलामों का पेशा है।
नौकरी गुलामों का पेशा है।
Rj Anand Prajapati
भरम
भरम
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल _ शौक़ बढ़ता ही गया ।
ग़ज़ल _ शौक़ बढ़ता ही गया ।
Neelofar Khan
सहयोगी भाव से बढ़ता रहा समाज
सहयोगी भाव से बढ़ता रहा समाज
Sudhir srivastava
If FEAR TO EXAMS is a Disease
If FEAR TO EXAMS is a Disease
Ankita Patel
"वक्त आ गया है"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल- मंज़र नहीं देखा
ग़ज़ल- मंज़र नहीं देखा
आकाश महेशपुरी
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
दुआए
दुआए
Shutisha Rajput
आसान कहां होती है
आसान कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
त्यागो अहं को आनंद मिलेगा, दिव्य ज्ञान का दीप जलेगा,
त्यागो अहं को आनंद मिलेगा, दिव्य ज्ञान का दीप जलेगा,
Acharya Shilak Ram
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हसीन तेरी तस्वीर नववर्ष में
हसीन तेरी तस्वीर नववर्ष में
gurudeenverma198
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
VINOD CHAUHAN
शनि देव
शनि देव
Rambali Mishra
Loading...