Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2022 · 1 min read

वीर साहिबजादे

वीर साहिबजादे
(गुरु गोविंद सिंह जयंती पर विशेष)
~~°~~°~~°
नहीं छोड़ेंगे कभी धर्म अपना ,
चाहे दीवार में चिनवा दो ,
धरा से व्योम तक की ये गूंज ,
अब सबको सुनवा दो।
अन्याय का सदा ही करेंगे प्रतिकार ,
जोरावर और फतेह ने भरी थी हुंकार ।
“सिर दिया शेर न दिया के नारे से”
गूंजा था पूरा वतन।
कहा था जब इन बालकों ने,
” प्राणों से प्यारा है मुझे अपना सनातन ”
सुनकर वजीर खां को गुस्सा आया ,
उन्होंने जल्लादों से दीवार में चिनवाया।
अजीत सिंह और जुझार सिंह तो,
पहले ही वीरगति को प्राप्त हुए थे।
कर लिया था जो मन में प्रण ,
याद रखेगी सदा ये वतन।
गुरु गोविंद सिंह के चारों बेटे ,
शहीद हो गए लड़ते-लड़ते ।
चमकौर के युद्ध की यह कहानी ,
भूलेगी नहीं ये धरती वीर बलिदानी।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – २९ /१२/२०२२
पौष,शुक्ल पक्ष,सप्तमी,गुरुवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail

4 Likes · 2 Comments · 1173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
मौसम
मौसम
आशा शैली
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
Neelofar Khan
*हिंदी*
*हिंदी*
Dr. Priya Gupta
कर्म
कर्म
aestheticwednessday
বিষ্ণুকে নিয়ে লেখা গান
বিষ্ণুকে নিয়ে লেখা গান
Arghyadeep Chakraborty
4946.*पूर्णिका*
4946.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लबों पे टूटे हुए छंद...
लबों पे टूटे हुए छंद...
TAMANNA BILASPURI
इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..!
इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..!
पंकज परिंदा
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
भगवान ने कुम्हार को बनाया,
भगवान ने कुम्हार को बनाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
Ravi Prakash
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"प्रेम-पत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं
अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं
अंसार एटवी
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
तेरी यादों के भंवर
तेरी यादों के भंवर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
सुनियोजित व सुव्यवस्थित जीवन की पहली आवश्यकता है प्राथमिकता
सुनियोजित व सुव्यवस्थित जीवन की पहली आवश्यकता है प्राथमिकता
*प्रणय प्रभात*
ये मौसमी बहारें
ये मौसमी बहारें
Sarla Mehta
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
shabina. Naaz
2. *मेरी-इच्छा*
2. *मेरी-इच्छा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...