कुन्डलियां
(1)
उच्च श्रेणी के जज साहब बच्चियों पर अत्याचार करें।
दुष्कर्म के विकृत कर्म को ना दुष्कर्म का वार कहें।
ना दुष्कर्म का वार कहें रिश्तेदार बचा गये ।
या फिर मोटा माल खपाकर दुष्कर्म पचा गये।
कहे “मंगू” कविराय अयोग्य योग्यता पा गये।
कालेजियम की ओट पकड़कर दादा नाना जज बना गये।
(2)
महिलाओं को चाहिऐ कर देनी हड़ताल ।
मांग करें सरकार से इनको देश निकाल।
इनको देश निकाल खत्म मन मानी हो।
इनके किये फैसलों की निगरानी हो।
कहै “मंगू ” कविराय आचरण इनका परखें
खामी यदि कोई मिले तो कुर्सियां इनकी दरकें।
(३)
एक नहीं दो चार नहीं सब न्यायधीश की वाच करो।
गुप्तचरों को काम लगाओ धन सम्पत्ति की जांच करो।
धन सम्पत्ति की जांच करो निरखो ऐशो आराम।
क्या क्या लेते देते हैं क्या करते हैं काम।
कहे “मंगू ” कविराय यदि कुछ गलत दिखाये।
कानून के रक्षक होने के नाते सजा चार गुणा पाये।