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25 Apr 2023 · 1 min read

जो श्रम में अव्वल निकलेगा

ग़ज़ल
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
बंदा वही सफल निकलेगा

सब्र के पाले में पकने दे
तब ही मीठा फल निकलेगा

गर्म मिलेगा उथले में जल
गहरे में शीतल निकलेगा

सुख का सूरज अस्त हुआ है
लेकिन वापिस कल निकलेगा

बिषधर जिससे लिपटे होंगे
पेड़ वही संदल निकलेगा

सोने का पानी है उस पर
घिस दोगे पीतल निकलेगा

मन की कठौती पावन होगी
तब ही गंगाजल निकलेगा
– अनीस शाह ‘अनीस ‘

Language: Hindi
2 Likes · 367 Views

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