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23 Jan 2025 · 1 min read

सिक्कम के मौसम की रवानी

मौसम यहा का झोका हवा का
कभी धूप निकले कभी बर्फ पड़ती ।
कभी शीत लहरें मन को जकडती,
कभी सर्दी इतनी यहा पे है पड़ती ।।

कभी बारिश यहा पर लगातार होती,
कभी लोग यहा पर पानी को तरसते ।
कभी पानी पहाड़ो से कल कल है बहता,
कभी बर्फ चारो तरफ ही पड़ी हो ।।

कभी मन को मौसम यहा का है भाता,
कभी जिस्म जकडा जकडा सा है जाता ।
कभी बिस्तर यहा पे बर्फ से लगे है,
कभी नीद यहा पर आती नही है अच्छी ।।

कभी बिस्तर से निकलने को दिल ना करे है,
कभी बिस्तर मे जाने को दिल ना करे है ।
कभी बादल हमसे ऊपर है होते,
कभी बादल हमसे नीचे है होते ।।

कभी साँस लेने में होती है मुश्किल,
कभी पैदल चलना भी होता है भारी ।
कभी लोग यहा के अच्छे लगे है,
कभी लोग यहा के सच्चे लगे है ।।

कभी सभी चीज सस्ती लगे है,
कभी सभी कुछ यहा पर महँगा लगे है ।
कभी याद अपने बहुत हम को आए,
कभी उनकी यादें ही दिल मे ना आये ।।

कभी दिल को लगता नही हम बचेंगे,
कभी दिल ये कहता नही घर चलेगे।
कभी दिल ये कहता चलो भाग जाये,
कभी दिल ये कहता कहा फिर हम जाये ।।

Language: Hindi
33 Views
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