Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2024 · 1 min read

वो कविताचोर है

वो कविताचोर है कहकर न ढाओ ज़ुल्म वंदे पर।
असर प्रतिकूल होता है, किसी सज्जन के धंधे पर।
अगर औलाद है कविता, रहे स्वच्छंद यह अच्छा।
कभी मम्मी की गोदी में, कभी डैडी के कंधे पर।।
© नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’

1 Like · 296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
View all

You may also like these posts

हरजाई
हरजाई
ओनिका सेतिया 'अनु '
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
sudhir kumar
जीवन एक पुस्तक की तरह है अगले पन्ने पर क्या होगा, यह हमें पत
जीवन एक पुस्तक की तरह है अगले पन्ने पर क्या होगा, यह हमें पत
ललकार भारद्वाज
पायल
पायल
Dinesh Kumar Gangwar
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
दीपक बवेजा सरल
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
मां शारदा वागेश्वरी
मां शारदा वागेश्वरी
Mandar Gangal
THE STORY OF MY CHILDHOOD
THE STORY OF MY CHILDHOOD
ASHISH KUMAR SINGH
*कहां गए वो पुराने खेल*
*कहां गए वो पुराने खेल*
Dushyant Kumar
जय हो माँ भारती
जय हो माँ भारती
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
Dr fauzia Naseem shad
आधुनिकता से आशय ,
आधुनिकता से आशय ,
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
“मन में घर कर गया हो अगर,
“मन में घर कर गया हो अगर,
Neeraj kumar Soni
बारहवीं मैं मेरे धोरे आर्ट थी
बारहवीं मैं मेरे धोरे आर्ट थी
Sonit Parjapati
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
फ़िर कभी ना मिले ...
फ़िर कभी ना मिले ...
SURYA PRAKASH SHARMA
साँसें
साँसें
अनिल मिश्र
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
रखूंगा अब नहीं कदम तेरी दर पे
रखूंगा अब नहीं कदम तेरी दर पे
gurudeenverma198
नाम या काम
नाम या काम
Nitin Kulkarni
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888
खेल
खेल
Sushil chauhan
हास्यगीत - करियक्की
हास्यगीत - करियक्की
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
VINOD CHAUHAN
आत्मनिर्भर नारी
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
4967.*पूर्णिका*
4967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"विश्व हिन्दी दिवस"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...