Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

“मन में घर कर गया हो अगर,

“मन में घर कर गया हो अगर,
हौंसले पस्त कर गया हो अगर ।
तो बेघर कर देना ऐसे विचार को,
कि अब देर हो गई, आगे बढ़ना मुश्किल है,
कि अब देर हो गई,मंज़िल पाना मुश्किल है।
कि अब देर हो गई ,आगे जीना मुश्किल है ।
क्योंकि फ़लसफ़ा है ज़िंदगी का
देर होने से राहें ख़त्म नहीं होती है ,
जहां छोड़ा है ,वही से फिर से चलना ,
एक ठोकर से
बेशक ,ज़िन्दगी ख़त्म नहीं होती है ।”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”

1 Like · 143 Views

You may also like these posts

नवरात्रि विशेष - असली पूजा
नवरात्रि विशेष - असली पूजा
Sudhir srivastava
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
Ravi Prakash
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
"अल्फ़ाज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
एक रचयिता  सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
Dr.Pratibha Prakash
दिल की बातें
दिल की बातें
Minal Aggarwal
कहानी -
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
Rj Anand Prajapati
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
Neeraj kumar Soni
..
..
*प्रणय*
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
sudhir kumar
नहीं मरा है....
नहीं मरा है....
TAMANNA BILASPURI
- रिश्तो का अत्याचार -
- रिश्तो का अत्याचार -
bharat gehlot
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
Anamika Singh
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
आदमी
आदमी
Phool gufran
रचो
रचो
Rambali Mishra
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
sushil yadav
मंदिरों की पवित्रता
मंदिरों की पवित्रता
पूर्वार्थ
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
गुमनाम 'बाबा'
बदलाव की ओर
बदलाव की ओर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
gurudeenverma198
2827. *पूर्णिका*
2827. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मोहब्बत
मोहब्बत
Dinesh Kumar Gangwar
सुनो न...
सुनो न...
हिमांशु Kulshrestha
Loading...