गीत- माता-पिता भगवान से…
माता-पिता भगवान से होते नहीं हैं कम सुनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
आए धरा पर प्रेम इनका जब मिला साकार बन।
इनसे बड़ा कोई नहीं पुरस्कार पाओ और धन।
देकर इन्हें ख़ुशियाँ सदा जीवन हसीं हरपल बुनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
अपनी ख़ुशी पीछे रखी पर आपकी आगे रही।
भूली नहीं वो चाह हर तुमने कही जैसी कही।
जग की भुला चाहे चलो इनकी मगर दिल से गुनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
जो भी कहें समझो उसे जानो उसे मानो उसे।
कोई भलाई है छिपी ख़ोज़ो उसे ठानो उसे।
दीपक जले तो रोशनी दे सच यही समझो तनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
हीरा हुये माँ-बाप के तुम याद रखना ये सदा।
तुम भूलकर इनसे कभी होना नहीं ‘प्रीतम’ ज़ुदा।
इनके वचन पावन बड़े जैसे खिला मधुबन सुनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
माता-पिता भगवान से होते नहीं हैं कम सुनो।
पूजा प्रथम इनकी करो फिर और को चाहे चुनो।।
आर. एस. ‘प्रीतम’