Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2025 · 1 min read

मगर वो निकला एक पत्थर

मानकर जिंदादिल जिसको, उम्मीदें हमने की थी।
मगर वो निकला एक पत्थर, चोट इस दिल पे लगी है।।
दिया तोहफा-ए-मोहब्बत, जिसको दिल अच्छा मानकर।
मतलबी वो बहुत निकला, मतलब कुछ हमसे नहीं है।।
मानकर जिन्दा जिसको——————————।।

भूल उससे नहीं यारों, भूल तो यह हमसे हुई है।
मोहब्बत हमने उससे की, खता यह हमसे हुई है।।
हमने समझा वो कोई गैर नहीं है हमारे।
मगर हमको तो उन्होंने, अपना समझा ही नहीं है।।
मानकर जिन्दा जिसको———————-।।

अच्छा होता कि यह तोहफ़ा, हम दे देते उनको।
सच्चे दिल से जो मोहब्बत, यारों करते हैं हमको।।
हमने सोचा कि वह हमसे नहीं रखता है दुश्मनी।
मगर वो हमसे है बेख्याल, खबर हमारी नहीं है।।
मानकर जिन्दा जिसको——————–।।

ऐसी उम्मीद अब तो हम, करेंगे नहीं किसी से।
प्यार जो हमसे करेगा, प्यार करेंगे हम उसी से।।
चमन-ए-जिंदगी जिसको मानकर, सींचा था खूं से।
मगर हमें नहीं मिली है खुशी, पसंद क्यों हम नहीं है।।
मानकर जिन्दा जिसको———————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

विश्वास को जो खो चुके हो वो कभी भी आपके लिए बेहतर नही हो सकत
विश्वास को जो खो चुके हो वो कभी भी आपके लिए बेहतर नही हो सकत
Rj Anand Prajapati
गुरु
गुरु
सोनू हंस
विषय-कृषक मजदूर होते जा रहे हैं।
विषय-कृषक मजदूर होते जा रहे हैं।
Priya princess panwar
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
करते हैं कत्ल
करते हैं कत्ल
NAVNEET SINGH
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
तुम्हारे ख्यालों डूबे
तुम्हारे ख्यालों डूबे
हिमांशु Kulshrestha
गीत
गीत
Pankaj Bindas
उदर-विकार
उदर-विकार
Khajan Singh Nain
मैं और तुम
मैं और तुम
ललकार भारद्वाज
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
- तेरे पायल की खनक -
- तेरे पायल की खनक -
bharat gehlot
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
पूर्वार्थ
दोहा- मीन-मेख
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
Dr fauzia Naseem shad
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
Abhishek Soni
" नौलखा "
Dr. Kishan tandon kranti
सुंदरता के मायने
सुंदरता के मायने
Surya Barman
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
gurudeenverma198
4403.*पूर्णिका*
4403.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते फरिश्तों से
रिश्ते फरिश्तों से
Karuna Bhalla
प्यार की गहराई इतनी की,
प्यार की गहराई इतनी की,
श्याम सांवरा
उपहार
उपहार
sheema anmol
आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
Nitesh Shah
आत्म वेदना
आत्म वेदना
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
Loading...