“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
सफ़र ठहरी नहीं अभी पड़ाव और है
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
तब आदमी का होता है पीरी से सामना
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
जीवन दर्शन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
उड़-उड़ के गिरती रही,रुख पर पड़ी नकाब ।
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
यूं अपनी जुल्फों को संवारा ना करो,