Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

“यादों की कैद से आज़ाद”

मैं आज़ाद हो गया,
बस्ता था जिसकी निगाहों में कभी,
उसकी निगाहों से मैं आज़ाद हो गया,
कैद में था उसकी झूठी सी मोहब्बत में कभी,
मैं उसकी झूठी सी मोहब्बत से मैं आज़ाद हो गया,
बेमतलब से थे कुछ रिश्ते, हाँ थे उनमें ही कुछ मेरे अपने,
मैं बोझ था या वो बेनाम थे रिश्ते,
मगर उन रिश्तों में छुपे जज़्बात थे मेरे,
उन अपनों से दूर हो गया,
मैं उन रिश्तों से आज़ाद हो गया,
तड़प रहा था किसी की यादों में, मैं दिन-रात,
उन यादों से मैं आज़ाद हो गया,
सहमां सा था मैं पिछले बरस एक सज़ा सी भुगत रहा था,
कहने को तो ज़िंदा था पर अन्दर-अन्दर मर रहा था,
साँसों में साँसें तो थी मगर दम घुट सा रहा था,
दिल के ज़ख्मों के वार से बेबस मैं सज़ा खुद को दे रहा था,
उन सजाओं से मैं आज़ाद हो गया,
खुद को पा कर खुद का हो गया,
आज मैं आज़ाद हो गया।
“लोहित टम्टा”

72 Views

You may also like these posts

निशाचार
निशाचार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
एक गीत
एक गीत
Shweta Soni
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
विषय-मन मेरा बावरा।
विषय-मन मेरा बावरा।
Priya princess panwar
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
होते फलित यदि शाप प्यारे
होते फलित यदि शाप प्यारे
Suryakant Dwivedi
माँ
माँ
Karuna Bhalla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
" सोचता हूँ "
Dr. Kishan tandon kranti
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
तुम्हारे पापा ने
तुम्हारे पापा ने
Nitu Sah
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
2553.पूर्णिका
2553.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वंदना
वंदना
MEENU SHARMA
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
ruby kumari
अखिला कुमुदिनी
अखिला कुमुदिनी
Santosh Soni
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
काश
काश
Sonu sugandh
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
🙅मेरी दृष्टि में🙅
🙅मेरी दृष्टि में🙅
*प्रणय*
Loading...