*कहां गए वो पुराने खेल*

कहां गए वो पुराने खेल
कहां गए वो पुराने खेल,
नहीं रहा पहले सा मेल।
बच्चों की न दिखे रेल,
कहां गए वो पुराने खेल।।१।।
कांच-गोली टायर चलाना,
गिल्ली डंडा का खत्म जमाना।
बदला जमाना बदले खेल,
कहां गए वो पुराने खेल।।२।।
लुका-छिपी चोर-सिपाही,
रास्सा-कस्सी आइपाईस।
कौड़ी कप भी लगते फेल,
कहां गए वो पुराने खेल।।३।।
भस्मासुर और कांय-कांय,
न लंगडी न कुश्ती भाये।
नचाते लट्टू अब न गेल,
कहां गए वो पुराने खेल।।४।।
आंँख-मिचौली पशुओं की दौड़,
पिट्टू चेन की न दिखे होड़।
न अन्त्याक्षरी में दिखे मेल,
कहां गए वो पुराने खेल।।५।।