उर में अपने तुम पाओगे
स्नेह स्पर्श मधुर समर्पित सा ।
उर में अपने तुम पाओगे ।।
देखोगे जब कोई दर्पण ।
उसमें प्रतिबिम्ब मेरा पाओगे ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
स्नेह स्पर्श मधुर समर्पित सा ।
उर में अपने तुम पाओगे ।।
देखोगे जब कोई दर्पण ।
उसमें प्रतिबिम्ब मेरा पाओगे ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद