Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 Dec 2024 · 1 min read

घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...

घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं…
पारिवारिक मुकदमों के ग्राफ़ चढ़ने लगे हैं,
सिर्फ़ पुरुष ही जिम्मेदार नहीं इसके लिए,
औरतों के जुबां धृष्टता से अब खुलने लगे हैं।

…. अजित कर्ण ✍️

Loading...