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27 Sep 2021 · 1 min read

दोहा

रंग चढैय बैरी कोरा पोथी,सूना रहैय ज गियान !
नितु अरजैय गियानि काली,पानी पानी आन !

चहुं दिस चकारी सभ करै,पैग नहि भेलै लोक ।
संग चकारी नव जयदेव पंथ,पैग कहाबै लोक ।

चुल्हा चकवा सब करैय,अमृत बरसैय ना नोर ।
सिया धिया दुनिया पूँजत,नारी भटेयै कल जोर !

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