Posts Language: Maithili 977 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 15 Jun 2025 · 1 min read नऽ जाऊ अहां बिदेस ,रे बौआ.. नऽ जाऊ अहां बिदेस ,रे बौआ.. (मैथिली कविता) नऽ जाऊ अहां बिदेस ,रे बौआ मा बापक दिल क' दुखा केऽ.. तिल बहब कोना रहि बिदेस,रे बौआ मा बाप रहत असगर... Maithili · नञ जाऊ अहां बिदेस रे बौआ · मैथिली कविता · मैथिली गीत 2 172 Share मनोज कर्ण 10 Jun 2025 · 1 min read नैन मिलायब गिरिधर स' *नैन मिलायब गिरिधर स'* ( मैथिली भजन ) नैन मिलायब गिरिधर स' हम करब हुनक मनुहार , कान्हा कान्हा पुकारब दिल स' मांगब भक्ति क ' उपहार... नैन मिलायब गिरिधर... Maithili · कृष्ण भजन · नैन मिलायब गिरिधर स · मैथिली गीत · मैथिली भजन 1 124 Share मनोज कर्ण 7 Jun 2025 · 1 min read प्रेमक पाती *प्रेमक पाती* (मैथिली कविता) प्रेमक पाती ककरो हाथ थामब प्रेमक अभिव्यक्ति करब आ कहब कि हम अहांकेऽ बड़ प्रेम करै छी अहां बिनु हम जी नञ् सकैत छी प्रेमक ई... Maithili · प्रेमक पाती · मैथिली कविता · मैथिली काव्य 2 161 Share मनोज कर्ण 30 May 2025 · 2 min read हे औढ़रदानी..! हे औढ़रदानी..! (मैथिली भजन) भोलेनाथ हम्मर हे औढ़रदानी..! हमरा शरण त दियअ ने अप्पन ठाम अहांकेऽ जटा तर बैसब.. हम करब कनि विश्राम लेब उसाँस जटा तर.. हमरा शरण त... Maithili · मैथिली गीत · मैथिली भजन · मैथिली भजन श्रृंखला · हे औढ़रदानी 3 194 Share मनोज कर्ण 27 May 2025 · 2 min read कोना भेटत राम कोना भेटत राम (मैथिली राम भजन) कोना भेटत हमरा राम केओ तऽ बताऊ ने.. कतअ जाएब,ककरा पूछब केओ तऽ सुनाऊ ने.. रामजी क' विना हमरा मोन नञ् लगईया.. रामजी क'... Maithili · कोना भेटत राम · मैथिली कविता · मैथिली भजन · मैथिली राम भजन 3 199 Share विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष'' 23 May 2025 · 1 min read मैथिली की स्वर "बाटी फुटल, फाटल आगा, टीन्हा लोटा धइरे दंगा," भोरुकबा उठि माऐ बापे — "ए कोडिया कहो की होले ?" नहिऐ कोठ,ना काठ भरै पानि,सगरो खेते खेत कौशिकी गरजे,कमला गरदे अब,बहुते... Maithili · कविता 30 Share विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष'' 21 May 2025 · 1 min read धिया के गाम धिया गाम की कुलदेवी , मधुर मधुर बंसी के बोल । लाली चुनर, माथ ही पाग, नेह सने, ओहि ठाँम कने। भोर सं झाड़ू, तुलसी सेवा, गाम बाट के अमर... Maithili 29 Share विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष'' 18 May 2025 · 1 min read गंगा महिमा जयति-जयति गंगे, जाहि जस अपार। सकल पाप तारिणि, जाहि तन सुद्धार॥ शंभु जटा धारिणी, सिव पद निवास। कलि मल हरणी तूँ, करुणाक अविलास॥ तोहरि जल पिबिते, होए तन पवित। भव-सागर... Maithili · कविता 32 Share विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष'' 18 May 2025 · 1 min read तोहर माटि तोहर माटि सँ उठल हुकार लेले तोहर भरि अग्नि ज्वार जाग रे बउआ, बजए मृदंग क्षणो न रुकेउ,नहि भागु संग त्यागु निद्रा के मोह मलिन जोतु स्वदेश दीपक जलाए शंखे... Maithili · कविता 23 Share विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष'' 18 May 2025 · 1 min read देस अपन (बटोहिया बोले:) "ओ सुगंध-बिहागिनि! तोरे पथ पर, मन मोर बाटे बिछावै सपना। लोचन धन-धूप, तोप निहोरे, काहे एतना चढ़ल खुमार अपन?" (गामक कन्या हँसि उत्तर दै छै:) "बटोही! हम पिपराइचक... Maithili · कविता 30 Share Page 1 Next