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12 Dec 2021 · 1 min read

भर्ता व्रता नारी

स्त्री सम्हल कर ही चले,पल्लू ओढ़े साज ।
भर्ता व्रता नारी वही ,जो करत चले लाज ।।

©® प्रेमयाद कुमार नवीन

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