Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Dec 2021 · 1 min read

रेल

दोहा

रेल

नाम लोहपथ गामिनी, भक्षे कोयला खान ।
आधुनिक नाम रेल है, करती धूम्रपान।।

जीवन जीना आज का, अनल -नीर का खेल ।
सूनी पटरी रेल की, सूना साजन मेल।।

सज -धज होकर मैं चली, करने प्रीतम मेल।
उमंगे हृदय ले चली, छूट गई तब रेल।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Loading...