Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2021 · 1 min read

भाई..मैं निभाऊँ रीत नई !

भाई … मैं निभाऊँ रीत नई!

जो तू आ जाता भाई
बाँधती राखी तेरी कलाई
देती सब सुख तुझ पर वार
आँचल संजोती तेरा प्यार

तो क्या जो तुम नहीं पास
मन अधीर थोड़ा उदास
लेकिन फिर खिल मुसकता
जब तेरा संदेसा आता

रक्षा मेरी प्रण तुम्हारा
सुख दुःख देते साथ हमारा
जो कभी गए आँसू छलक
एक कर दिए तुमने जमीं फलक

मैं इस बार बनाऊँ रीत नई
तोड़ूँ रूढ़िवाद रिवाज कई
प्रण लूँ मैं यह मेरी इच्छा
जीवन भर करूँ तेरी सुरक्षा

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
1 Like · 397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
बेटियाँ
बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
എന്നിലെ എന്നെ നീ നിന്നിലെ ഞാനാക്കി മാറ്റിയ നിനെയാനാണെനിക് എന
എന്നിലെ എന്നെ നീ നിന്നിലെ ഞാനാക്കി മാറ്റിയ നിനെയാനാണെനിക് എന
Sreeraj
हौसला रख
हौसला रख
Vaishaligoel
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
Kanchan Gupta
उनकी ही कमी खलती है
उनकी ही कमी खलती है
डॉ. एकान्त नेगी
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
Kavi Shankarlal Dwivedi in a Kavi sammelan, sitting behind is Dr Pandit brajendra Awasthi
Kavi Shankarlal Dwivedi in a Kavi sammelan, sitting behind is Dr Pandit brajendra Awasthi
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
दिया है जो ज़ख्म कुछ अपनों ने
दिया है जो ज़ख्म कुछ अपनों ने
Shubham Anand Manmeet
" कश्ती रूठ गई है मुझसे अब किनारे का क्या
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
AJAY AMITABH SUMAN
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
मैं और मांझी
मैं और मांझी
Saraswati Bajpai
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बहुजन अथवा ओबीसी साहित्य बनाम दलित साहित्य / मुसाफ़िर बैठा
बहुजन अथवा ओबीसी साहित्य बनाम दलित साहित्य / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नेता जी सुभाष चंद्र बोस
नेता जी सुभाष चंद्र बोस
प्रो ० स्मिता शंकर
जंगल में क्रिकेट(बाल कविता)
जंगल में क्रिकेट(बाल कविता)
Ravi Prakash
" फौजी "
Dr. Kishan tandon kranti
3825.💐 *पूर्णिका* 💐
3825.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक था नंगा फ़कीर
एक था नंगा फ़कीर
Shekhar Chandra Mitra
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
पराग
पराग
विशाल शुक्ल
“लिखना मत छोड़ो तुम”
“लिखना मत छोड़ो तुम”
DrLakshman Jha Parimal
शाम
शाम
Ruchika Rai
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
Neelofar Khan
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
*प्रणय प्रभात*
*नन्हें के नन्हें कुंवर में नन्हें की परछाई*
*नन्हें के नन्हें कुंवर में नन्हें की परछाई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...