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28 Apr 2021 · 1 min read

*"पुलकित मन"*

“पुलकित मन”
पुलकित मन अब छिन्न भिन्न हो गया ,
अंतर्मन व्याकुल हो दुखित हो गया ,
प्रभु शरण हरि नाम सुमिरन जप ,
पुलकित मन दृढ संकल्पित हो गया।
जय श्री राधेय श्याम जय श्री राम ?
शशिकला व्यास

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