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2 Apr 2021 · 1 min read

आस

करे तमाशा जिन्दगी, होना नहीं निराश।
ऐसे में धीरज धरो ,रखों आस विस्वास।। १

आस और विस्वास को, हरदम रखना पास।
जिन्दा रहता है वही,जिसमें होती आस।। २

कच्ची मिट्टी का बना, सच्चे झूठे आस।
ढ़ह जायेगा एक दिन, होना नहीं उदास।। ३

टूट गये सपने सभी, छूट गई है आस।
आंखों से गंगा बहे, फिर भी मन में प्यास।। ४

हिम्मत साहस जोश से,जला आस के दीप।
किस्मत बदलेगी तभी, हाथ लगेगी सीप।।५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

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