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12 Jan 2021 · 1 min read

सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

सर्दी रानी सबको खूब सताती हो
कोप दिखाकर अपना हमें डराती हो

मैदानों में कोहरा लेकर आती हो
मगर पहाड़ों पर तो बर्फ गिराती हो
इधर उधर ये जाकर छिपते रहते हैं
सूरज दादा को इतना धमकाती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

ठंडे- ठंडे पानी से डर लगता है
मुँह खोलें तो मुँह से धुँआ निकलता है
ठिठुरन के ये तीर चुभोती है तन में
क्यों इतनी बर्फीली हवा चलाती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

सर पर टोपी दस्ताने हैं हाथों में
पड़े लादने कितने स्वेटर जाड़ों में
घर के अंदर बन्द हमें रहना पड़ता
जब बारिश की बूंदें लेकर आती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

12-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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