Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2024 · 2 min read

सत्तर की दहलीज पर!

ये उस समय की बात है,
जब पहुंचा जवानी की दहलीज,
लहू में ऊर्जा थी भरपूर,
और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी प्रचूर!
क्या मजाल ,
जो किसी के आगे,
झुकना हो मंजूर,
दिखाई जो किसी ने आंखें,
तो तनी हुई भवों से,
जता दिया गुरुर,!
बात बात पर अड जाना,
लड भिड कर बात मनाना,
सच झूठ का न कोई बहाना,
बस अपने तक था सीमित जमाना!
पर समय कभी कोई ठहरा ,
जो हम पर आकर रहता ठहरा,
उसे तो बस चलना होता,
वह रहता चलता, चलता रहता,
तो मै कैसे ठहरा रहता,
चलना तो मुझको भी पड रहा,
चाहे अनचाहे चलना पड़ता!
बालपन से युवा अवस्था,
घर गृहस्थी का पकड़ा रस्ता,
पति पत्नी का बना जो रिस्ता,
आकार ले रहा था एक नया ही रिस्ता!
पति से पिता का हुआ सफर शुरु,
किलकारियों की गूंज शुरु,
आवश्यकताओं की मांग शुरु,
काम काज की जंग शुरु,
खपने खपाने का अभियान शुरु!
चल रही थी समय की अपनी चाल,
हम चल रहे थे मिलाके कदमताल,
बदलते रहे हमारे हाल,
नयी समस्याएं नये सवाल,
अब पिचकने लगे थे अपने गाल,
आंखों की चमक और भुजाओं का बल,
सिकुडने लगा था हर पल!
अब आ रहा समझ में,
मैं तो निर्बल ही था,
समय था बलवान,
मुझ जैसे होंगे कितने ही नादान
जो समझ बैठे होंगे,
उन्ही से है सारा जहांन,
वो भी साबित हो जाएंगे,
थे वो कितने अनजान !
घर गृहस्थी का उल्लास हो,
या हो दायित्व का बोध,
शरीर की संरचना में तो,
निरंतर परिवर्तन रहता है,
तन कर चलने के दौर से लेकर,
झुककर चलने को हुए मजबूर
सब समय के चक्र के साथ,
ये चलता रहा अपने आप,
हम कब शून्य से प्रारंभ हुए,
और पहुँच गये सत्तर की दहलीज के पास,
अब ना तो कोई उमंग विशेष,
ना कोई अभिलाषा है शेष,
बस जी रहे हैं,
इस उम्मीद पर,
कब ले चलेंगे यम दूत,
हमें अपने देश!!

1 Like · 2 Comments · 323 Views
Books from Jaikrishan Uniyal
View all

You may also like these posts

ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
मन को कर लो अपना हल्का ।
मन को कर लो अपना हल्का ।
Buddha Prakash
4. A Little Pep Talk
4. A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
सपने
सपने
Divya kumari
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
Good Night
Good Night
*प्रणय*
गिद्ध करते हैं सिद्ध
गिद्ध करते हैं सिद्ध
Anil Kumar Mishra
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
चाहत मोहब्बत और प्रेम न शब्द समझे.....
Neeraj Agarwal
उम्मीद है दिल में
उम्मीद है दिल में
Surinder blackpen
" खास "
Dr. Kishan tandon kranti
चली आना
चली आना
Shekhar Chandra Mitra
पिता का यूं चले जाना,
पिता का यूं चले जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
पूर्वार्थ
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
अनुराग दीक्षित
शिक्षक
शिक्षक
Nitesh Shah
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्रसव
प्रसव
Deepesh Dwivedi
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*समय*
*समय*
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Divali tyohar
Divali tyohar
Mukesh Kumar Rishi Verma
यूँ ही
यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
Jyoti Roshni
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...