Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2020 · 1 min read

आज का दौऱे इश्क़

जब हमने की उनसे व़ादे वफ़ा की बातें उन्होंने कहा किस ज़माने की बात करते हो।
जब हमने कहा उनसे साथ निभाने को तो बोले क्यों बेकार की बातें करते हो।
जब हमने कही उनसे आंशियाँ बनाने की बातें तो बोले क्यों दिल जलाने की बातें करते हो।
फिर वे बोले जो पल है उन्हें हंसी खुशी गुजार दो
क्यों आसमाँ में महल बनाने की बातें करते हो।

4 Likes · 8 Comments · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

आप रखिए ख़्याल बस अपना,
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
Dr fauzia Naseem shad
लक्ष्य
लक्ष्य
Shashi Mahajan
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
आँखे हमारी पढ़ ले...
आँखे हमारी पढ़ ले...
Manisha Wandhare
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Surinder blackpen
सास बहू
सास बहू
Arvina
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
श्याम सांवरा
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
शेखर सिंह
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
..
..
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल-समय की ताल पर
ग़ज़ल-समय की ताल पर
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
गज़ल (आँसू)
गज़ल (आँसू)
डॉक्टर रागिनी
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
दर्द  बन कर  समाँ  जाते  दिल में कहीं,
दर्द बन कर समाँ जाते दिल में कहीं,
Neelofar Khan
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
प्रश्न चिन्ह
प्रश्न चिन्ह
श्रीहर्ष आचार्य
दोहा त्रयी. . . . . वर्तमान
दोहा त्रयी. . . . . वर्तमान
sushil sarna
" तुतारी "
Dr. Kishan tandon kranti
4263.💐 *पूर्णिका* 💐
4263.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
मानवता का अंत
मानवता का अंत
Shyam Sundar Subramanian
तन्हाई को जश्न दे चुका,
तन्हाई को जश्न दे चुका,
goutam shaw
रात स्वप्न में रावण आया
रात स्वप्न में रावण आया
श्रीकृष्ण शुक्ल
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
तस्वीरों का सच
तस्वीरों का सच
Chitra Bisht
जिंदगी संवार लूं
जिंदगी संवार लूं
Santosh kumar Miri
*जनता बेचारी दुखी, हुई देर अंधेर (कुंडलिया)*
*जनता बेचारी दुखी, हुई देर अंधेर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" गुमसुम कविता "
DrLakshman Jha Parimal
Loading...