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13 Oct 2024 · 1 min read

तस्वीरों का सच

तस्वीरें हमेशा सच नहीं बोलती
दिल में छुपाए जज़्बात नहीं खोलती

दिखाती हॅसते मुस्कुराते चेहरे
हाथ पकङ करते अनंत बाते
माथे पर शिकन का राज़ नहीं खोलती
तस्वीरें हमेशा सच नहीं बोलती

बाहें फैलाए साथी बुलाते
गरमजोशी से हाथ मिलाते
बुदबुदाते होठों को नहीं देखती
तस्वीरें हमेशा सच नहीं बोलती

सच बोलकर मिलेगी भी क्या
खूबसूरत तस्वीर में विघ्न होगा
बुरी याद जो याद रखेगा ना कोई
कुरूपता क्यों देखना चाहेगा कोई

इसीलिये गम के मंज़र नहीं टटोलती
शायद इसीलिये हमेशा सच नहीं बोलती

चित्रा बिष्ट

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