इंसान होकर जलने से बेहतर है,
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
शमशान सा जलूं।
दुनिया तो है एक फरेब,
मैं अपने श्याम से मिलूं।
दिल में कुछ लिए बैठे है,
जुबां से कुछ पयाम आता है।
अब तो तमन्ना है चरणों में,
श्याम के, एक फूल सा खिलूंं।
श्याम सांवरा….
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
शमशान सा जलूं।
दुनिया तो है एक फरेब,
मैं अपने श्याम से मिलूं।
दिल में कुछ लिए बैठे है,
जुबां से कुछ पयाम आता है।
अब तो तमन्ना है चरणों में,
श्याम के, एक फूल सा खिलूंं।
श्याम सांवरा….