Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ

! भाई हाँ हाँमैं मुखिया हूँ
किसी राष्ट्र या सरकारी तंत्र का प्रधान नहीं हूँ ,
ना ही किसी उच्च निजी संथान का मुखिया हूँ। कमर तोड़ मेहनत कर बाँटता घर खुशियाँ हूँ,
सिर्फऔर सिर्फ अपने परिवार का मुखिया हूँ ।।
हां !भाई हां मैं मुखिया हूँ।
एक मुखी रुद्राक्ष हूँ नाना मुखी रुद्राक्ष नहीं, साधारण सी धूरी हूँ वसुंधरा का अक्ष नहीं। चांदनीशुक्ल पक्ष हूँ अमावस्या कृष्णपक्ष नहीं, परिश्रम की धमक हूँ चांद बेगानी चमक नहीं ।।
हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ।
काम आसान नहीं किसी घर का मुखिया होना,
खून पसीना एक करना दुबक सुबक सो जाना।
जमाने भर लड़ना यदि किसी खुशी को पाना,
कमरतोड़ रख देता नागवार नासमझ जमाना।।
हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ।
मै धागा हूँ माला का जिसमें गुथे हुए हैं मनके, भांति- भांति खिले हुए हैं पर दबे पड़े हैं तनके।
उथल -पुथल मची सागर उड़ जाता भाप बनके,
मेरी कोई थाह नहीं है मेरे माथे बल तेज रमके।।
हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ।
कोई सुध बुध नहीं है दीपक ज्यों मैं जलता हूँ,
झिलमिलाती धूप में सूरज की तरह तपता हूँ । खुद का प्रकाश मेरा जलती लौ ज्यू खपता हूँ ,
सतपाल सत्य की दो-वक्त की रोटी रोपता हूँ।।
हाँ!भाई हाँ मैं मुखिया हूँ।

Language: Hindi
1 Like · 167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SATPAL CHAUHAN
View all

You may also like these posts

"सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -204 तला (तालाब)
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -204 तला (तालाब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चार दीवारों में कैद
चार दीवारों में कैद
Shekhar Deshmukh
मरहम
मरहम
Vindhya Prakash Mishra
कजरी तीज
कजरी तीज
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माती का पुतला
माती का पुतला
Mukund Patil
क्यों न आएं?
क्यों न आएं?
Ghanshyam Poddar
2929.*पूर्णिका*
2929.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनवरत यात्रा
अनवरत यात्रा
Gajanand Digoniya jigyasu
न बोझ बनो
न बोझ बनो
Kaviraag
Life's beautiful moment
Life's beautiful moment
Buddha Prakash
वो हमें भी तो
वो हमें भी तो
Dr fauzia Naseem shad
love or romamce is all about now  a days is only physical in
love or romamce is all about now a days is only physical in
पूर्वार्थ
चांद देखा
चांद देखा
goutam shaw
मुहब्बत की दुकान
मुहब्बत की दुकान
Shekhar Chandra Mitra
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
चाँद
चाँद
Shweta Soni
भारत से गद्दारी तक
भारत से गद्दारी तक
ललकार भारद्वाज
#दूसरा_पहलू-
#दूसरा_पहलू-
*प्रणय प्रभात*
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
कुमार अविनाश 'केसर'
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
सिर्फ जो उठती लहर व धार  देखेगा
सिर्फ जो उठती लहर व धार देखेगा
Anil Mishra Prahari
बारिश का पानी
बारिश का पानी
Poonam Sharma
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Loading...