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Vedha Singh
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13 Jan 2019 · 1 min read
लेखनी
मैं न रहूंगी कल कभी, न ही मेरा वजूद।
पर लेखनी की ध्वनि में , रह लूंगी मौजूद।
-वेधा सिंह
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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