Posts "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 505 authors · 505 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kamlesh Kumar Kamalchoudhary 27 Nov 2018 · 1 min read माँ तो माँ होती है। अपनी कोख से जो जन्म देती है हजारों कष्ट सहकर भी हमें सुख देती है माँ तो माँ होती है। बचपन में जो मल तक धोती है खुद भूखी ही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 57 896 Share Smita sapre 27 Nov 2018 · 1 min read कैसी है तू मां Smita Sapre ( Mumbai) कविता Nov 13, 2018 माँ शब्द ऐसा जिसमें सिमट जाए सारा जहाँ ,बच्चों की पुकार से पहले जान ले उनकी आह. अभी एक महिना पहले ही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 39 532 Share Shyam Pareek 27 Nov 2018 · 1 min read माँ की स्मृति में... जिस आँगन में था मैं छोटे से बड़ा हुआ जिस आँचल में पल-बढ़ कर जवां हुआ। जिस माँ की गोदी में सर रख कर सोया जिसकी लोरी सुन कर सपनों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 20 1k Share जयराम जय 27 Nov 2018 · 1 min read माँ पर एक गीत माँ जैसा ----------- माँ जैसा इस दुनिया में है और नहीं दूजा इसी लिये माँ के चरणों की होती है पूजा मन्दिर मन्दिर करे मनौती पूजे पाथर और कठौती बच्चे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 414 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 27 Nov 2018 · 1 min read मां मां मां ममता की मूरत है हम सबकी एक जरूरत है। बिन मां के घर सूना होता मां एक शुभ मुहुर्त है। जन्म दिया, खुद दर्द सहा ममता का आंचल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 30 907 Share Maier Rajesh Kumar Yadav 27 Nov 2018 · 1 min read ममता की मुरत माँ तू ममता की मुरत है , माँ तू देवी का सुरत है। तेरे चरण स्पर्श से ही माँ , यह जग इतना खुबसुरत है।। भगवान का चम्तकार समझू ,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 23 924 Share Dharm Patel 27 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ धन्य धरा पर मां है मेरी शब्द जहाँ में मां है मेरी शीतल कोमल करूणा मन की भारत माता तन है मां की । प्रत्यक्ष लक्ष्मी मां है घर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 83 964 Share Kavita Nagar 27 Nov 2018 · 1 min read माँ रुखी सी रोटियों पर घी की धार सी माँ, रुखे से मन पर लगा देती थी,अपनी बातों का स्नेहन। और दमक उठता था मन और तन। मुश्किलें, परीक्षाएँ चलती रहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 58 907 Share हरीश भट्ट 27 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरे छोटे से घर से मेरी,,, दुनियां अयाँ होती हैं ! मैं इक कमरे में होता हूँ, और पूरे घर में माँ होती हैं !! मेरी दुश्वारियां भी उसकी दुआओं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 26 328 Share Kuber Mishra 27 Nov 2018 · 1 min read माँ . ●माँ● माँ सृष्टि दृष्टि जीवन प्रवाह गतिमान जीव ममता अथाह ज्यों सर्द भोर की खिली धूप सर्वोच्च प्रेम की सुगम राह माँ जगत जीव अस्तित्व बोध संतति सनेह सात्विक... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 23 363 Share हेमा तिवारी भट्ट 27 Nov 2018 · 1 min read माँ १२२ १२२ १२२ १२ गीतिका-माँ मिली माँ जमीं को सितारा मिला। हमें इस जहाँ में सहारा मिला। मिली हो कि जैसे दुआ अनकही, बिना कुछ कहे नेह प्यारा मिला। रखा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 40 464 Share Ahtesham Ahmad 27 Nov 2018 · 1 min read माँ !! ( एक फ़रियाद ) माँ !! (एक फ़रियाद) रात का सन्नाटा देख मुझे कूड़े में क्यों फ़ेंक दिया? अपने ही ख़ून को यूँ आसानी से क्यों छोड़ दिया? जन्म तो सही से मुझे लेने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 76 971 Share राकेश चतुर्वेदी 27 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ अदृश्य इस संसार में माँ को कोई समझ ना पाया, भूखे पेट में रह के भी पेट भर तुम्हे भोजन खिलाया। ऊँगली पकड़ कर जिसने तुम्हे चलना सिखाया, आज... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 29 570 Share Aruna Dogra Sharma 26 Nov 2018 · 1 min read माँ कितने मोहक थे वो दिन जब मैं तुम्हारी गोद में थी न दुख की चिंता, न सुख का आभास नन्ही बाहों में सिमटा था पूरा आकाश चौफेरे फैला था ममता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 34 42 785 Share kalipad prasad 26 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ अचेत अवोध शिशु को, तू सीने से लगाया माँ बड़ा किया उसको सींचकर, अपने खून से तू माँ |1| सब सोते रहे, तू जागती रही, गुनुनाकर, लोरी सुनाकर प्यार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 23 550 Share Ritu Singh 26 Nov 2018 · 2 min read माँ वो शब्द कहाँ से लाऊं, तेरी महिमा जो सुनाऊ | तू शब्दों से परे है माँ, क्या तुझ पर लिख पाउँ || मेरा वजूद तुझसे माँ,तुझमे छुपी है मेरी कहानी|... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 60 776 Share Bsnl Raipur Ssa 26 Nov 2018 · 2 min read माँ मां कहती है,देर रात तक जागना अच्छा नहीं होता सेहत के लिये। मां हमेंशा उठ जाती है,मुर्गे की बांग पर. पोंछा लगाती है/बर्तन साफ करती है,नाश्ता बनाती है, और चाय... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 27 634 Share Pushpa Tiwari 26 Nov 2018 · 1 min read हमारी माँ हमारी माँ जब खिलता है नव कोपल, स्त्री की फुलवारियों में | माँ बनकर बदल देती करुण रुदन को, मधुर किलकारियों में | माँ कराती है परिचय, नव कोपलों का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 67 1k Share Ankit Rastogi 26 Nov 2018 · 1 min read क्या होती है माँ !! मैं कैसे करूँ बयां ! क्या होती है माँ ? मेरा तो सारा जहाँ| है बस मेरी माँ || धूप अगर लग जाये तो | आँचल फैला ,दे छाया माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 42 560 Share Omnarayan 26 Nov 2018 · 1 min read मां वो उँगली पकड़ कर के चलना सिखाती अगर नींद आये न पलना झुलाती मुझे डांटती और फिर प्यार देती बुरी आदतों से वो मुझको बचाती जमाने के सारे गुणों दुर्गुणो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 43 696 Share Manu Vashistha 26 Nov 2018 · 1 min read वो रचियता, तुम ही तो हो, मां ! ✍️ मेरे आगमन की सूचना को, प्रथम जिसने बतलाया, मेरी हरकतों को, अहसास कर जिसने बतलाया, वो तुम ही तो हो मां, हां मां तुम ही तो हो! मेरी पहली... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 36 609 Share Manju Sharma 26 Nov 2018 · 1 min read ~माँ~ अब तू बूढ़ी हो गई है माँ, तेरे जैसा खाना अब कोई नहीं बनाता, तेरे जैसी लोरियां कोई नहीं सुनाता, तेरी बाहों से सुरक्षित कोई जगह कहाँ, हर पीढ़ा पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 44 1k Share Kunti Naval 25 Nov 2018 · 1 min read मां का प्यार मां शब्द में समाई है दुनिया अनोखे अनूठे अंदाज में बनाई है दुनिया मां ने बच्चों की चाहत में बसाई है दुनिया अनमोल अद्भुत लोरियों से सजाई है दुनिया ममता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 33 614 Share surinder kaur 25 Nov 2018 · 1 min read माँ कितना मुशकिल है माँ होना। एक अदृश्य बोझ को ढोना। रोज सुबह जल्दी वो उठती है उस घर के लिये मरती खपती है जहां न उसके नाम की तख्ती है।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 55 722 Share राही अंजाना 25 Nov 2018 · 1 min read माँ एक पल को भी जो मुझको नज़रों से ओझल होने न देती थी, बचपन में जो मैं छुप जाता वो एक पल में ही रो देती थी, ख़्वाबों की दुनियाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 37 524 Share रमाकान्त पटेल 25 Nov 2018 · 1 min read माँ साथ होती तो... आज माँ साथ होती तो भूखा नहीं सोता मैं आज माँ साथ होती तो अकेले नहीं रोता मैं आज माँ साथ होती तो इतना न सोचता मैं आज माँ साथ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 66 1k Share क़मर जौनपुरी 25 Nov 2018 · 1 min read माँ (ग़ज़ल) 2122 1212 22/112 ग़ज़ल *************** माँ *** माँ जिधर भी नज़र उठाती है वो ज़मीं हँसती मुस्कुराती है//१ हर बला दूर ही ठहर जाए माँ उसे डांट जब लगाती है... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 27 415 Share अर्चना खंडेलवाल 24 Nov 2018 · 1 min read मां मां दूध नहीं अमृत पिलाती है मां ममता की गोद में सुलाती है मां। बोलने से पहले ही समझ लेती है बिन मांगे हर चीज दिलाती है मां। मां की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 35 565 Share Sandeep Vyas 24 Nov 2018 · 1 min read माँ कितनी गहराई है तेरे मन की माँ रोज़ उतरता हूँ गोते लगता हूँ इस प्यार के सैलाब में एक ख़ुशनुमा नदी बहती है तेरे मन में एक ऊँचाई है स्वाभिमान... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 22 350 Share Alka Keshari 24 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ Alka Keshari Alka Keshari कविता Nov 24, 2018 माँ ममता की शीतल छाया,दरिया दिल होती है माँ। घर वो मंदिर जैसा होता,जिस घर मे होती है माँ।। ???? मीठी-मीठी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 30 609 Share Aman Sharma 24 Nov 2018 · 1 min read आँखों की नमी माँ की आँखों में नमी से क्या फर्क पड़ता है, बेटा कहाँ इन बूढी आँखों को पढता है... मीलों चलाया था, जिसे ऊँगली थाम कर, उसे पैरों की लाठी का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 34 892 Share Kanhaiya Tomar 24 Nov 2018 · 1 min read माँ लाख सीखी मैंने होशियारी पर दिल का अभी कच्चा हूँ मैं अपनी मम्मी के लिए आज भी नन्हा बच्चा हूँ उसकी आँचल की छाँव तले आज भी वहीं सुख मिलता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 31 401 Share Anupam Shahi 24 Nov 2018 · 1 min read ' माँ ' . माँ की उंगली थाम तो पूरा बचपन बीता नहीं खबर थी हमको माँ पर क्या -क्या बीता माँ क्या होती है, ये सच हमने ,तब जाना जब मैंने 'बेटी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 30 402 Share Jyoti Sinha 24 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ काश मैं भी माँ पर एक ,स्नेहिल कविता लिख पाऊं शब्दों के बौने अम्बर पे ,कैसे असीमता भर पाऊँ ? भाषा के सीमित कैनवास पे तस्वीर माँ की गढ़... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 31 671 Share DESH RAJ 24 Nov 2018 · 1 min read “ माँ गंगा ” गंगा कल-कल करती जाती अविचल , मन है जिसका चंचल, हृदय स्वच्छ निर्मल , बह जाते जिसमें सारे के सारे दावानल , फिर भी जल है जिसका रहता शुभ मंगल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 53 779 Share Dr. ADITYA BHARTI 24 Nov 2018 · 1 min read माँ अमूल्य कृति नौ महीने कोख में अपनी जिसने जिलाया है मुझे गर्भ में प्राण देकर अवचेतन से जगाया है मुझे प्रसव की पीड़ा उठा के इस दुनिया में लाया है मुझे सबसे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 73 2k Share Shakun 23 Nov 2018 · 1 min read माँ विषय-: माँ विधा-: पद्य छन्दमुक्त गिरने से पहले थाम लेती है, फिसलने से पहले संभाल लेती है। मैं लाख छुपाउं, मेरे माथे की- शिकन पहचान लेती है। बिन बताए मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 27 752 Share Kriti Bhatia 23 Nov 2018 · 1 min read मां जब भी उदासी मे होती हूँ मैं तो मांँ प्यार भरी बाहें खिलार देती हैं । जब भी कभी रोती हूं मैं तो मांँ अपने आँचल से आंंसू पोंछ देती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 105 3k Share Rita Sinha 23 Nov 2018 · 1 min read काश समझता मां को मां !!! ऐ मां तू तो अजीज है, दवा दुआ ताबीज है।। नौ महीनों तक रखा गर्भ में, हर मुश्किल में संभाल के।। आंखें रही प्रतीक्षा में, व्याकुल अपने उस लाल के।।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 23 1k Share Hardik Mahajan 23 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ माँ तू चाँदनी सी चमक, माँ तू रोशनियों सी रोशनी, माँ तू लहर सी लहरायें, माँ तू झरने सी झर-झर बहती जायें, माँ तू बादलों पर भी हवाओं सी उड़े,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 35 458 Share Vandana Gupta 23 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ मैं हूँ प्रतिबिम्ब तुम्हारा तुझ में ही खुद को पाती हूँ माँ तुम हो स्वछंद आकाश मेरा मैं तारा बन तुझ में खिल जाती हूँ तुमसे ही तो मैं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 51 543 Share Dilpreet Gill 23 Nov 2018 · 1 min read माँ (माँ की ममता) माँ शब्द मुँह से निकलते ही भर जाती है मुँह में मिठास । मिलता है मन को स्कुन क्योंकि ये रिश्ता है खास । माँ शब्द भी बना है यारों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 105 786 Share करन 'मस्ताना' 23 Nov 2018 · 1 min read माँ तु सुन रही है ना माँ, तु सुन रही है ना! आज फिर कराह उठा हूँ दर्द से जैसे बचपन में रोता था अक्सर गिरने के बाद! मगर तब तुम थी खड़ी मुझे संभालने को!... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 38 561 Share प्रवीण कुमार सोलंकी 23 Nov 2018 · 1 min read माँ १) नौ माह पाला गर्भ मे, मिली है तुझसे श्वास रब को कभी देखा नहीं, तुझमे है विश्वास २) तिल तू मरती रही, पल पल निकली जान, दर्द का जिक्र... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 95 716 Share Gaurav Tripathi 22 Nov 2018 · 1 min read मां मैं रात भर जगाता हूँ , वह मुझे देख मुस्कराती है , दिन भर उसे लोक मर्यादा जगाता है, मुझे नहीं पता वह कब सो पाती है , लेकिन वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 31 657 Share Neerja Sharma 22 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ , छोटा सा शब्द उपमाएँ इतनी , गिनती न हो जितनी सुबह से शाम , बस काम ही काम सबसे पहले उठती , सबसे पीछे सोती चेहरे पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 37 69 1k Share Dinesh Mehar 22 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ की ममता, माँ का प्यार । माँ का प्यार है सदाबहार ।। माँ की ममता माँ का प्यार । माँ मै हूं तेरा राज दुलार ।। माँ तेरी चाहत,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 22 909 Share Sapna Dutta 22 Nov 2018 · 1 min read माँ इक्कीस बरस का वैधव्य जीवन ढोती माँ; बाईस बरस की बेटी की चिंता करती माँ।। नौकरी में तबादले पर दर दर फिरती माँ; नैनों के नीर में मुस्कानें धरती माँ।।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 25 724 Share Kamlesh Yadav Yadav 22 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" """" यह जीवन उसका दिया आशीष कैसे करूँ परिभाषित उस माँ को जिसकी ममता तले मैं बड़ा हुआ हूँ...! मेरी हर साँसे उसके कर्जदार हरपल उपहार जिसके रहमोकरम मैं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 24 720 Share Jay Prakash Nirala 22 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ने मुझको दिखलाई है इस संसार को माँ ने मुझमे रग रग भर दी संस्कार को रात को भी माँ जग जग कर दूध पिलाती थी मेरे लिए गीली... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 77 1k Share Previous Page 2 Next