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27 Nov 2018 · 1 min read

माँ

. ●माँ●

माँ सृष्टि दृष्टि जीवन प्रवाह
गतिमान जीव ममता अथाह
ज्यों सर्द भोर की खिली धूप
सर्वोच्च प्रेम की सुगम राह

माँ जगत जीव अस्तित्व बोध
संतति सनेह सात्विक प्रबोध
शीतल सुरम्य मधुरिम बसंत
अन्तिम परिणति संसार शोध

माँ शान्ति शौर्य उज्ज्वल उमंग
निर्झरिणी रव उच्छल तरंग
झरती सनेह रस दिव्य धार
स्पर्श हर्ष कलरव विहंग

माँ जीवन अभिनव व्योम नाद
संगीत गीत हृदि गति निनाद
संसृति सर्वोपरि वंदनीय
हृदयंगम अनुभव अमिय स्वाद

करुणा संवेदन मूर्त रूप
माँ जगत ईश व्यापक स्वरूप
विश्वास श्वास जीवन धारा
तू प्रथम पूज्य माँ छवि अनूप

Kuber Mishra

4 Likes · 23 Comments · 317 Views
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