Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2023 · 1 min read

नए दौर का भारत

उसने झूठ ऐसा बोला कि लोग सच ही भूल गए,
कौन कहाँ से आया है अपनी जमीन ही भूल गए।।

यह नई किस्मत है हिंदुस्तानी जम्हूरियत की,
एक ही नाम बाकी है बाकी सब नाम ही भूल गए।।

गंगा जमुना के मैदान में कटीली बबूल उग आये है,
हवा ऐसी चली कि लोग बागों की रंगत ही भूल गए।।

ये कौन मुंसिफ आया है इस मुल्क में,
जिसने सोने की लंका ठुकरा दी उसकी सीरत ही भूल गए।।

बाबाओ का दौर चल रहा है नए राष्ट्र भारत में,
मंदिर निर्माण में लोग फैक्टरी प्रयोशाला ही भूल गए।।

जिधर देखो उधर झंडे और रैलियों के मजमें है,
जय श्रीराम के नारे में नौजवान रोजगार और कॉलेज ही भूल गए।।

मुँह पर दाढ़ी हाथों में फोन है हर किसी के,
रील बनाने की होड़ में लोग रियलिटी ही भूल गए।।

दुकानों के बाहर लंबी कतारें लगी हैं,
मुफ्त राशन के लिए लोग संतानों की किस्मत ही भूल गए।।

समझ नहीं आता हम आगे बढ़े हैं या पीछे,
नए दौर की चर्चा में इतिहास को याद कर भविष्य ही भूल गए।।

prAstya…… (प्रशांत सोलंकी)

Language: Hindi
1 Like · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
वो खुशनसीब थे
वो खुशनसीब थे
Dheerja Sharma
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
“पहाड़ी झरना”
“पहाड़ी झरना”
Awadhesh Kumar Singh
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
Dr MusafiR BaithA
■ एक मुक्तक...
■ एक मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुनो, मैं जा रही हूं
सुनो, मैं जा रही हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
पूर्वार्थ
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
"अंगूर"
Dr. Kishan tandon kranti
Happy Father Day, Miss you Papa
Happy Father Day, Miss you Papa
संजय कुमार संजू
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
खिंचता है मन क्यों
खिंचता है मन क्यों
Shalini Mishra Tiwari
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
शैलजा छंद
शैलजा छंद
Subhash Singhai
Tum khas ho itne yar ye  khabar nhi thi,
Tum khas ho itne yar ye khabar nhi thi,
Sakshi Tripathi
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
Ravi Prakash
हाँ, मैं कवि हूँ
हाँ, मैं कवि हूँ
gurudeenverma198
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
ज़िंदगी इस क़दर
ज़िंदगी इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
आह जो लब से निकलती....
आह जो लब से निकलती....
अश्क चिरैयाकोटी
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
सब कुछ हमारा हमी को पता है
सब कुछ हमारा हमी को पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
चेहरा और वक्त
चेहरा और वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3238.*पूर्णिका*
3238.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...