Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2018 · 1 min read

माँ

कितने मोहक थे वो दिन जब मैं तुम्हारी गोद में थी
न दुख की चिंता, न सुख का आभास नन्ही बाहों में सिमटा था पूरा आकाश
चौफेरे फैला था ममता का उजाला तेरे आँचल में खिला बचपन मतवाला

नशे में झूमती सुनती लोरी, वात्सल्य का लगा होठों पे प्याला

पर कितने वेग से खत्म हुआ वो सफर
कितनी परखार कितनी कठिन बनीं जीवन डगर
सुख संपदा शौहरत यौवन जीवन
पूरा का पूरा ही कोई ले ले मगर लौटा दे वो सुनहरे दिन
मां जब मैं तुम्हारी गोद में थी

अरूणा डोगरा शर्मा
मोहाली

34 Likes · 42 Comments · 732 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aruna Dogra Sharma
View all
You may also like:
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गौमाता को पूजिए, गौ का रखिए ध्यान (कुंडलिया)
गौमाता को पूजिए, गौ का रखिए ध्यान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
umesh mehra
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
ख़्वाब
ख़्वाब
Monika Verma
मजबूरी तो नहीं
मजबूरी तो नहीं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मौन
मौन
लक्ष्मी सिंह
कविता - नदी का वजूद
कविता - नदी का वजूद
Akib Javed
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
कमी नहीं थी___
कमी नहीं थी___
Rajesh vyas
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
dks.lhp
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
Utkarsh Dubey “Kokil”
// लो फागुन आई होली आया //
// लो फागुन आई होली आया //
Surya Barman
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उड़े  हैं  रंग  फागुन के  हुआ रंगीन  है जीवन
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
Dr Archana Gupta
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
आपकी इस मासूमियत पर
आपकी इस मासूमियत पर
gurudeenverma198
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
केवल
केवल
Shweta Soni
नूतन सद्आचार मिल गया
नूतन सद्आचार मिल गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
'समय की सीख'
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...