Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ की ममता, माँ का प्यार ।
माँ का प्यार है सदाबहार ।।

माँ की ममता माँ का प्यार ।
माँ मै हूं तेरा राज दुलार ।।

माँ तेरी चाहत, तेरी हसरत ।
तेरी दुआओं का असर है माँ ।।

जिन बुलन्दियों पर मैं पहुँचा ।
तेरी दुआओं का असर है माँ ।।

माँ मैं बहुत झूठा हूँ ।
बात बात मे तुझसे रूठा हूं ।।
फिर भी आप मेरी अछि,
सच्ची माँ हो ।।

सच कहूँ तो माँ
मेरे कदमों मे रफ्तार कहाँ से आई
लगता हे माँ आपकी दुआ काम आई ।।
लगता हे माँ आपकी दुआ काम आई ।।

दिनेश मेहर, इंदौर मध्य प्रदेश

6 Likes · 22 Comments · 816 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
मुझसे  नज़रें  मिलाओगे  क्या ।
मुझसे नज़रें मिलाओगे क्या ।
Shah Alam Hindustani
मन में संदिग्ध हो
मन में संदिग्ध हो
Rituraj shivem verma
कोमल चितवन
कोमल चितवन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
गजल
गजल
Punam Pande
कल कल करती बेकल नदियां
कल कल करती बेकल नदियां
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
"बहुत से लोग
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
मासूमियत की हत्या से आहत
मासूमियत की हत्या से आहत
Sanjay ' शून्य'
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
Alka Gupta
बुंदेली दोहा -तर
बुंदेली दोहा -तर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं क्यों याद करूँ उनको
मैं क्यों याद करूँ उनको
gurudeenverma198
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
छल छल छलके आँख से,
छल छल छलके आँख से,
sushil sarna
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2602.पूर्णिका
2602.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...