Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ
अदृश्य इस संसार में माँ को कोई समझ ना पाया,
भूखे पेट में रह के भी पेट भर तुम्हे भोजन खिलाया।
ऊँगली पकड़ कर जिसने तुम्हे चलना सिखाया,
आज तू उसी माँ की सीने में असहनशील काँटे चुभाया।।

माँ की ममता से तू कही इस जग में प्रकाशित है,
माँ की माया समझने का लाख कोशिश कर।
जीत क्या है?खाव्ब मत देख,हार तो पुरानी है,
भविष्य का निर्माण करने वाली माँ की वाणी है।।

कष्ट प्रद ज़िन्दगी में बस माँ तो एक सहारा है,
अँधेर में भी प्रकाश का एक तो किनारा है।
माँ की सोच से पूरी जिंदगी कट जाती है,
बच्चों के लिए माँ की लक्ष्य बस तारा है।।

राकेश चतुर्वेदी”राही”
जमनीडीह(भंवरपुर)
7354127727

7 Likes · 29 Comments · 515 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
आवाज़ ज़रूरी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
*फल*
*फल*
Dushyant Kumar
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बेशक नहीं आता मुझे मागने का
बेशक नहीं आता मुझे मागने का
shabina. Naaz
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
"चलना सीखो"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Pratibha Pandey
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कृषि पर्व वैशाखी....
कृषि पर्व वैशाखी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
నమో నమో నారసింహ
నమో నమో నారసింహ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
मेहनत का फल
मेहनत का फल
Pushpraj Anant
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
Shyam Pandey
बिंदी
बिंदी
Satish Srijan
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
Rajesh vyas
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
Loading...