21वा वोट मेने किया है कृपया आप भी मुझे वोट करे
आदरणीया आज प्रतियोगिता समाप्त हो रही है परन्तु यह मंच चलता रहेगा कृपया अगर चाहें तो मेरी कविता पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी
बहुत ही सुन्दर रचना है आदरणीय 20 वां वोट स्वीकार करें और मेरी कविता “वो है मेरी माँ” पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी कृपया जवाब अवश्य दें ।
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अतिसुन्दर रचना। मैं ने vote दिया आपको। मेरी रचना “माँ!!!” पसंद आये तो vote देकर कृतार्थ करें।
आपकी रचना बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण है । एक नजर हमारी रचना पर भी डाले और अच्छा लगे तो आपका एक बहुमूल्य वोट देकर हमे कृतार्थ करें । । धन्यवाद ।
18 वां.वोट मेरा।अगर मेरी कविता पसंद आए तो मुझे भी वौट कीजिए
आदरणीय कृपया अवश्य जवाब दे । कमलेश जी । आपको मैंने काफी दिन पहले वोट किया था । आदरणीय आप भी मेरी कविता”माँ केवल माँ ” पढने और वोट करने के लिए आमंत्रित हैं । आपके वोट के इंतजार में ?
खूबसूरत रचना, 16 वा वोट मेरा स्वीकार करें, मेरी रचना भी पढ़े और अच्छी लगे तो वोट जरूर करें।
माँ की महिमा का बखान करती सुंदर अभिव्यक्ति. शुभकामनाएँ. Voted 15th.
वाह जी क्या बात है सुन्दर रचना आ0 13 वां वोट स्वीकार करें आ0 यदि आपको हमारी रचना भी अच्छी लगे तो वोट देकर कृतार्थ करें
Voted for you please vote for me
वोट स्वीकार करें और मेरी कविता पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी
मेरा 11 वां वोट स्वीकार करे और मुझे भी अपना कीमती वोट देकर कृतार्थ करे
10वाल वोट मेरा आपको आप भी मुझे वोट देकर कृतार्थ कीजिए मेरी कविता माँ जीवन का पर्याय को वोट कीजिए
मेरा मत स्वीकार करें। अनुरोध है कि मेरी रचना का भी अवलोकन करें व पसंद आने पर अपने मत से कृतार्थ करने की कृपा करें। सादर!!
आदरणीय कमलेश जी, अति सुंदर रचना!कृपया 8वाँ वोट मेरा स्वीकार करें।
मेरी रचना “माँ का आँचल” का भी अवलोकन करें और यदि सही लगे तो मुझे भी वोट कर कृतार्थ करें।
सधन्यवाद!
आदरणीय आपकी रचना सराहनीय है कृपया आप हमें वोट करने की कृपा कीजिए रचनाकार नहीं कोई भी रचना बड़ी होती है और माॅ से जैसे विषय पर लिखी रचना को आपका प्रोत्साहन मिलना जरूरी है विनम्र निवेदन कृपया अपने वोट का आशीर्वाद प्रदान करें। आशा है आपका वोट अवश्य प्राप्त होगा धन्यवाद आदरणीय ‘‘बस तेरा ही जयकारा है’’
सुंदर रचना की बधाई आपको 5वी वोट मेरा… सर सुंदर छंद मुक्त कविता हुई है आज दिनकर जी याद हो आये हैं वाक्यं रसात्मकं काव्यं के विन्यास पर शत प्रतिशत खरी है आपकी कविता कमनीय….जो छंद के बंधन से मुक्त होकर अविरल बहती चली गई…महोदय… मेरी रचना पर भी दृष्टिपात करें सादर और अपना वोट जरूर दें सादर धन्यवाद
आपको मैंने वोट कर दिया है और आप भी मेरी कविता पर अपना वोट करिएगा ।
Please vote for me i already voted u