प्रकृति की सीख
भूधर से शीश सन्नद्धना सीखो,
अंबर से उर्ध्व बनना सीखो,
अंतरंग में तल्लीना सीखो,
पृथ्वी से दायित्व सन्नद्धना सीखो।
पौधों से अमाया सेवा करना सीखो,
पेड़ों से स्वावलंबी बनना सीखो,
पक्षियों से संश्रया में उढ़कना सीखो,
फूलों से आकर्षित करना सीखो।
रवि से श्यामात्व को मींजना सीखो,
चंद्रमा से प्रत्याशा करना सीखो,
तारा से जगमगाना सीखो,
जल से नित्य आगे सरसना सीखो।
भारत माता से बलिदान देना सीखो,
ध्वज से द्योतक रचना सीखो,
जानवर से वनौषधि बनना सीखो,
बादल से संकेत देना सीखो।
प्राकृति की सीख अनमोल रत्न है,
जो पाए इस अनमोल रत्न को,
वह बन सकता है गुणवान,
और परस सकता है गगन को।
जिंदगी में गगन को परसना है,
तो प्रकृति से सीख लेना होगा।
नाम :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार