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8 Feb 2021 · 1 min read

खामोशी का रिश्ता

हम दोनों के बीच
जो रिश्ता है
वह खामोशी का है
कभी एक लंबे अंतराल के
बाद भी
गर एक लफ्ज बोलने की भी
कोशिश करी जो तो
कांच की प्याली सा
टूट कर
कांच का चूरा
नस नस में चुभा जाता है
थोड़ी सी भी
राहत का कहीं
नामोनिशान नहीं
बस दर्द के जख्म के निशान ही
उकेरता जाता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
248 Views
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