Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2023 · 1 min read

खत उसनें खोला भी नहीं

खत उसनें खोला भी नहीं
और सब पढ़ लिया
जो मैंने कहा भी नहीं
सब वो उसनें सुन लिया
दिल पर अपनें रख के हाथ
धडकनें मेरी सुनता रहा
सपनें मैं देखती रही
और वो बूनता रहा
भीड़ में हजारों की
वो मुझें पहचान लेता
मेरी आँखों से सब
हाल मेरे वो जान लेता
उड़ती जब भी आजा़द गगन में
और श्वासों की डोर से वो मुझें बांध लेता।

231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
2442.पूर्णिका
2442.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
DrLakshman Jha Parimal
बात पुरानी याद आई
बात पुरानी याद आई
नूरफातिमा खातून नूरी
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
■ खाने दो हिचकोले👍👍
■ खाने दो हिचकोले👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
~~बस यूँ ही~~
~~बस यूँ ही~~
Dr Manju Saini
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं देखा....🖤
नहीं देखा....🖤
Srishty Bansal
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
Dr MusafiR BaithA
पल-पल यू मरना
पल-पल यू मरना
The_dk_poetry
तुम मुझे दिल से
तुम मुझे दिल से
Dr fauzia Naseem shad
समलैंगिकता-एक मनोविकार
समलैंगिकता-एक मनोविकार
मनोज कर्ण
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
Shankar N aanjna
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
Loading...