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27 Mar 2024 · 1 min read

बीमार घर/ (नवगीत)

छत को नजला हुआ
सर्द दीवार है,
जब से बिटिया गई,
घर ये बीमार है ।

खुरदरा-सा लगे
फर्श, ये मरमरी,
दूब आँगन की
लगने लगी दरदरी ;

ग्रस्त हैं खिड़कियाँ
मोतियाबिन्द से,
त्रस्त ज्वर,वात से
देहरी-द्वार है ।

पेट दुखता रसोई
का,ऐंठन भरा,
हो गया है घिनौची
को मोतीझरा ;

कल से बासे धरे
लड्डू गोपाल भी,
और तुलसी सहे
धूप की मार है ।
०००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),जि.-सागर
मध्यप्रदेश-470227
मो.- 8463884927

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 161 Views
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