Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2024 · 1 min read

3212.*पूर्णिका*

3212.*पूर्णिका*
🌷 ठुकरा के हमें जाओगे🌷
22 2122 22
ठुकरा के हमें जाओगे।
सच तुम रोज पछताओगे ।।
दुनिया आज देखे क्या है ।
कुछ भी जान ना पाओगे।।
मंजिल की तलाश यहाँ है ।
राही देखते जाओगे।।
ना है त्याग समर्पण थोड़ा ।
अपनी जान गंवाओगे ।।
यूं दर्द लाख झेले खेदू।
साथी साथ बढ़ जाओगे ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
30-03-2024शनिवार

32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
राम-राज्य
राम-राज्य
Bodhisatva kastooriya
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
सुनें   सभी   सनातनी
सुनें सभी सनातनी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
तुम्हारी हँसी......!
तुम्हारी हँसी......!
Awadhesh Kumar Singh
"शब्दों की सार्थकता"
Dr. Kishan tandon kranti
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
नियम
नियम
Ajay Mishra
पंख पतंगे के मिले,
पंख पतंगे के मिले,
sushil sarna
3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
Kishore Nigam
"पंजे से पंजा लड़ाए बैठे
*Author प्रणय प्रभात*
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
gurudeenverma198
जीवन का सफर
जीवन का सफर
नवीन जोशी 'नवल'
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
लटकते ताले
लटकते ताले
Kanchan Khanna
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
कविता
कविता
Rambali Mishra
* याद है *
* याद है *
surenderpal vaidya
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
नया
नया
Neeraj Agarwal
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वज़ूद
वज़ूद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आप अपना कुछ कहते रहें ,  आप अपना कुछ लिखते रहें!  कोई पढ़ें य
आप अपना कुछ कहते रहें , आप अपना कुछ लिखते रहें! कोई पढ़ें य
DrLakshman Jha Parimal
Loading...