जिस समाज में आप पैदा हुए उस समाज ने आपको कितनी स्वंत्रता दी
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
हिन्दी दोहा "प्रहार"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग