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29 Mar 2024 · 1 min read

कब जुड़ता है टूट कर,

कब जुड़ता है टूट कर,
टूटे दिल का काँच ।
जीवन भर बुझती नहीं,
ऐसे दिल की आँच ।।

सुशील सरना / 29-3-24

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