Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

24)”मुस्करा दो”

क्यूँ बैठे हो उदास,बीत जाएगा यह आज,
कल तुमने देखा,आज सहेजा, कल किसने देखा..
न कोई राज़, न कोई साज़, सुलझ जाएँगे काज।
मन को समझा लो,तुम मुस्करा दो….

मुश्किल आन पड़ी तो क्या हुआ?
मन को सींचो ग़र गड़ा हुआ।
रात कब रुकी न सवेरा रूका हुआ।
वक्त ही तो है,पहचान लो।
तुम मुस्करा दो….

परिस्थितियाँ लेती है इम्तिहान,
सांसारिक बंधन है प्रधान।
शक्ति का कर लिया ग़र आग़ाज़,
दुनिया हिला देगा यह अन्दाज़।
दर्द को बनाओ दवा,सितम ढा लो,
समझ से कैद दश्त की छुड़ा लो।
क्यूँ बैठे हो उदास,बीत जाएगा आज
बस…
तुम मुस्करा दो….

अपना पराया,दुनिया ने ही दिखाया,
ख़ुद पर ग़र भरोसा, फिर न टूट पाया।
जाने अनजाने,रास्ते सामने,खड़े दीवाने,
मंज़िल के साथी सारे,कोना कोना पहचानें।

पहचान बना लो, ख़ुद को संवार लो,
न हो उदास,बीत जाएगा आज,
मुश्किलें आयेंगी,मुश्किलें जायेंगी,
मन को समझा लो,तुम मुस्करा दो…

✍🏻स्व-रचित/मौलिक
सपना अरोरा।

Language: Hindi
3 Likes · 58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
कातिल
कातिल
Gurdeep Saggu
यह मेरी इच्छा है
यह मेरी इच्छा है
gurudeenverma198
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-450💐
💐प्रेम कौतुक-450💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
Dr Nisha nandini Bhartiya
रणजीत कुमार शुक्ल
रणजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
जीवन के सफ़र में
जीवन के सफ़र में
Surinder blackpen
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
हरवंश हृदय
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
।। समीक्षा ।।
।। समीक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
मन की बातें , दिल क्यों सुनता
मन की बातें , दिल क्यों सुनता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Sarfaraz Ahmed Aasee
वो मिलकर मौहब्बत में रंग ला रहें हैं ।
वो मिलकर मौहब्बत में रंग ला रहें हैं ।
Phool gufran
"डगर"
Dr. Kishan tandon kranti
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
दुनिया सारी मेरी माँ है
दुनिया सारी मेरी माँ है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*दिल का दर्द*
*दिल का दर्द*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...