Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2024 · 1 min read

जीवन के सफ़र में

जीवन के सफ़र में ,कितने है हम अकेले
कैसे निपटें इससे, नित नये है यहां झमेले

बात गैरों की नहीं , मारा है हमें अपनों ने
चंद झूठे वादे , और टूटे हुए सपनों ने

लोग बात बात पर, कसा करते हैं ताने
ग़म नहीं कोई , इनसे नाते है पुराने।

जिंदगी की जंग , जीतेंगे ‌आखिर कैसे
गुनाह हमने कल लिए ‌है बहुत ऐसे वैसे

हर नयी राह ,तुझको खुद ही है बनानी
हौंसला रख , फिर जिंदगी कैसे करें मनमानी

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
लग जाए गले से गले
लग जाए गले से गले
Ankita Patel
स्वप्न ....
स्वप्न ....
sushil sarna
"The Power of Orange"
Manisha Manjari
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"चुनावी साल"
*Author प्रणय प्रभात*
"बरसाने की होली"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब तक लहू बहे रग- रग में
जब तक लहू बहे रग- रग में
शायर देव मेहरानियां
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
Shweta Soni
हिंदी गजल
हिंदी गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
Ravi Prakash
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
.......,,,
.......,,,
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-334💐
💐प्रेम कौतुक-334💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
Dr MusafiR BaithA
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
यादों की शमा जलती है,
यादों की शमा जलती है,
Pushpraj Anant
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
Amit Pathak
2498.पूर्णिका
2498.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
Loading...