*सबकी अपनी दुनिया*
🍁माँ हैं।
पिता हैं।
🍀ये हैं परिवार की दुनिया।
🍁 वर है।
वधू हैं।
🍀ये हैं विवाह की दुनिया।
छूत हैं।
अछूत हैं।
🍀ये हैं जाति की दुनिया।
🍁भूत हैं।
भविष्य हैं।
🍀 ये हैं काल की दुनिया।
लाभ हैं।
हानि हैं।
ये हैं व्यपार की दुनिया।
🍁सोना हैं।
चाँदी हैं।
🍀ये हैं सोनार की दुनिया।
दिन हैं।
रात हैं।
🍀ये हैं बह्ममाण की दुनिया।
🍁जोड़ हैं।
घटा हैं।
🍀ये हैं गणित की दुनिया।
हार हैं।
जीत हैं।
🍀ये हैं युद्ध की दुनिया।
🍁फूल हैं।
काँटे हैं।
🍀ये हैं प्राकृति की दुनिया।
शीत हैं।
उष्ण हैं।
🍀ये हैं मौसम की दुनिया।
🍁धर्म हैं।
अधर्म हैं।
🍀ये हैं शस्त्रों की दुनिया।
संधि हैं।
विग्रह हैं।
🍀ये हैं व्याकरण की दुनिया।
🍁ठोस हैं।
तरल हैं।
🍀ये हैं विज्ञान की दुनिया।
है ये सबकी अपनी अपनी दुनिया!!
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रचनाकार- डा॰ वैशाली✍🏻