"हूँ सरल ,किंतु सरल नहीं जान लेना मुझको, हूँ एक धारा-अविरल,किंतु रोक लेना मुझको"
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डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद" has not yet published any book on Sahityapedia.
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